PM Matsya Sampada Yojana: मछली पालन से कर सकते हैं लाखों की कमाई, सरकार भी करेगी मदद, जानिए पूरा प्रोसेस
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Tue, Jul 27, 2021 06:57 PM IST
PM Matsya Sampada Yojana: देश में बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए अधिकतर लोग अब खुद का बिजनस करने की तरफ ध्यान दे रहे हैं. नौकरी की कमी के कारण देश में लाखों युवा बेरोजगार हैं. बेरोजगारी की समस्या को देखते हुए सरकार भी कई तरह की योजनाएं चला रही है. इन योजनाओं के जरिए लोगों को अधिक से अधिक मदद करने की कोशिश की जाती है. ऐसे में आज हम आपको सरकार की एक ऐसी ही योजना की जानकारी देने जा रहे हैं, जिससे आप अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं. आइए जानते हैं पिछले साल से शुरू किए जाने वाले प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Prime Minister Matsya Sampada Yojana) के बारे में...
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पिछले साल लॉन्च की गई थी प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
मछली पालन को बढ़ावा देने के उद्देशय से सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Prime Minister Matsya Sampada Yojana) की शुरुआत की है. पिछले साल दस सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी ने इस योजना को लॉन्च किया था. इस योजाना से करीब 55 लाख लोगों को रोजगार दिए जाने की उम्मीद जताई गई थी. इस योजना के तहत पांच साल के लिए 20,050 करोड़ रुपये का फंड बनाया गया है. इस फंड का उपयोग 2021-2025 के बीच किया जाना है. 1700 करोड़ से इस योजना का शुभारंभ किया गया था.
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मछली पालन में मुनाफा के साथ रिस्क भी
मछली पालन में मुनाफा तो खूब है, लेकिन रिस्क भी बहुत होता है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Prime Minister Matsya Sampada Yojana) से आप कई तरह से मदद पा सकते हैं. मछली पालन के लिए तालाब, हैचरी, फीड मिल, क्वालिटी टेस्टिंग लैब जैसी चीजों की आवश्यकता होती है. इसके अलावा उसकी देख-रेख और खान-पीन का भी विशेष ध्यान रखना पड़ता है. इन सभी चीजों की निगरानी बेहद सावधानी के साथ किया जाता है. इन कामों में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों के लिए भी इस योजना का लाभ लिया जा सकता है.
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योजना के तहत मछली पालन पर मिलती है इतनी सब्सिडी
योजना के तहत हर राज्य में सब्सिडी देने के अलग-अलग नियम हैं. बिहार में इस योजना में भाग लेने वाले लोगों से आवेदन मांगे जा रहे हैं. अगर यहां बात बिहार की करें तो यहां अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं सभी वर्ग के महिलाओं को योजना के तहत लागत राशि का 30 प्रतिशत तथा अन्य श्रेणी हेतु 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी. जबकि 60 प्रतिशत तक इस काम के लिए बैंक भी लोन देने के लिए तैयार हो जाएगी. बस लाभार्थी को 10 से 15 प्रतिशत अपने जेब से भरने होंगे.
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